दीपक वात्स्य:
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| लेखक: - दीपक वात्स्य: |
महाभारतपर्वनामानि
आदिपर्व सभापर्व वनपर्व विराटकम्।
उद्योगभीष्मके द्रोणं कर्णशल्ये च सौप्तिकम्।।
स्त्रीपर्व शान्तिपर्वाख्यमानुशासनिकं तथा।
अश्वमेधाश्रमे ख्याते ततो मौसलाभिधम्।।
महाप्रस्थानिकं पर्व स्वर्गारोहणमेव च।
व्यासोदितानि शास्त्रेऽस्मिन् पर्वाण्यष्टादश क्रमात्।।
राशिस्वरूपनिरूपणम्
मेषराशिरजाकारो वृषो वृषस्वरूपक:।
गदावीणाकरौ द्वन्दौ नरौ मिथुनमुच्यते।।
कर्कट: कर्कटाकार: सिंह: सिंहाभिरूपक:।
स्वहस्तान्नानला बाला नौस्था कन्या समुच्यते।।
तुलाधारी तुलाराशिर्वृश्चिको वृश्चिकाकृति:।
धनुर्धारी धनूराशिर्मकरो मकराकृति:।।
सघटपुरुष: कुम्भो मीनो मत्स्यद्वयाकृति:।
राशिरूपं परामृष्टं भचक्रस्यानुरूपत:।।
- दीपकवात्स्य:

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